My journey to sacred place baba dham

कुछ यादें ऐसे होतें हैं जो हमेशा आपकी मन्न में ताज़ा रहतीं हैं।कभी कभी बैठ कर सोचता हूं तो ऐसा लगता है कि जो कल हुआ था उसे बरसों पहले हुआ था और जो बरसों पहले हुआ था वो कुछ क्षण पहले की बात है।मेरे ज़िन्दगी में भी एक पल ऐसा आया जो हमेशा मेरे ज़ेहन में रहेगा ।कुछ दिन पहले की बात है ,मै और मेरे दो दोस्त बाबा धाम के पवित्र यात्रा के लिए निकले थे, पहली रात हम वहां गंगा घाट के किनारे रुके थे,वहां के हवाओं में अलग सा जादू था,उन ठंडी हवाओं के बीच बारिश जब बारिश शुरू हुई तो मन प्रफु्लित हो उठा।गंगा ,बारिश,हवाओं का मज़ा हम उठा ही रहे थे कि हमें वहां के पास के मंदिर के एक गवैया मिले।मुलाकात हुई ,बात हुई,बातों बातों में ही उन्होंने अपने गीत शुरू कर दी ,ऐसे तो हमने बहुत से गीतकार को सुना है मगर उनकी आवाज़ में क्या जादू था पता नहीं हम जैसे कि मधोस होने लगे जैसे जैसे वो अपनी धुन में आते गए हम खुद खुद पे खुद मस्ती में झूमने लगे ,हमरी सरी थकान मिट गई ,उस समय मुझे एहसास हुआ कि आनंद क्या है।वहां की बारिश ,हवा वो गीत ,बालू गंगा मानो सब एक से हो गए थे।
मन में कोई चिंता नहीं।उस पल को कैद करने के लिए हमारे पास कोई फोन नहीं था हम खुद थे ,फोन में तस्वीर रखे जातें है । मन में तस्वीर बसाए जाते है।ऐसे तो वो पूरी यात्रा ही आनंदमय था ।मगर वो रात अद्भुत थी।
जय महाकाल।।।

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